शेष की सेज पे सोयके जो प्रभु नींद में सृष्टि को भार उठावैं,
जिन हरि के पद-पंकज सेवत माँत महालक्ष्मी हरसावैं,
जोगि-जतिन को जो दुर्लभ सो लाभ अहीर की छोरियां पावैं,
थोड़ी सी छांछ पिलाये के नाच नचावन वारे को नाच नचावैं।
नारद-सारद-वेद-विसारद जा को नाम निरंतर गावैं,
जाहि महेस गणेस दिनेस सुरेस अरु शेस अशेस बतावैं,
रूप विराट जगत सम्राट है, सुर नर मुनि जा के पार न पावैं,
ताहि अहीर की छोहरियां छछिया भर छांछ पे नाच नचावैं।
सेस गनेस महेस दिनेस सुरेसहुं जाहि निरंतर गावै,
जाहि अनादि अनंत अखंड अछेद अभेद सुबेद बतावैं,
नारद के सुक व्यास रटैं पचिहारे तउ पुनि पार न पावैं,
ताहि अहीर की छोहरियां छछिया भर छांछ पे नाच नचावैं।
जिन हरि के पद-पंकज सेवत माँत महालक्ष्मी हरसावैं,
जोगि-जतिन को जो दुर्लभ सो लाभ अहीर की छोरियां पावैं,
थोड़ी सी छांछ पिलाये के नाच नचावन वारे को नाच नचावैं।
नारद-सारद-वेद-विसारद जा को नाम निरंतर गावैं,
जाहि महेस गणेस दिनेस सुरेस अरु शेस अशेस बतावैं,
रूप विराट जगत सम्राट है, सुर नर मुनि जा के पार न पावैं,
ताहि अहीर की छोहरियां छछिया भर छांछ पे नाच नचावैं।
सेस गनेस महेस दिनेस सुरेसहुं जाहि निरंतर गावै,
जाहि अनादि अनंत अखंड अछेद अभेद सुबेद बतावैं,
नारद के सुक व्यास रटैं पचिहारे तउ पुनि पार न पावैं,
ताहि अहीर की छोहरियां छछिया भर छांछ पे नाच नचावैं।